5 ऐसी झूठी चिकित्सीय मान्यताएं, जो लोग सही मानते हैं

Kalp Lifetech: अक्सर हमारी चिंता करने वाले हमारे परिजन, रिश्तेदार और दोस्त हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत सी बाते बताते हैं, कि हमें ये नहीं करना चाहिए, यह हमारे स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं। लेकिन क्या वे बाते 100% सही होती है? विज्ञान जैसे जैसे तरक्की कर रहा है, वैसे वैसे बहुत से रहस्य साफ होते जा रहे हैं।

आइए आज हम आपको कुछ ऐसी ही झूठी मान्यताओं से रूबरू कराते हैं।

1. मनुष्य के लिए 6 घंटे की नींद पर्याप्त होती है

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हमारे शुभचिंतक कहते हैं कि स्वस्थ रहने के लिए हमें 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। यह हम कई तरह की किताबों आदि में भी पढ़ते हैं।

लेकिन यह झूठ है। हमारे पूर्वज अधिकतम 6-7 घंटे की नींद सोते थे, जो स्वस्थ जीवन के लिए पर्याप्त थी, क्योंकि वे तनावरहित नींद लेते थे। लेकिन आजकल के तनाव भरे जीवन ने हमें नींद से दूर कर दिया है, जिससे आठ घंटे की नींद भी हमारे लिए पर्याप्त नहीं है।

2. मोटापा, अस्वस्थ होने की निशानी है

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जब कोई कहता है कि आप मोटापे से पीड़ित हैं, तो आप यह सुनते ही सोचते है, कि आप एक बीमारी से पीड़ित हैं। जरूरी नहीं, कि एक वजन वाला व्यक्ति वास्तव में अस्वस्थ हो, इसलिए यह कहना गलत है, कि अधिक वजन वाले व्यक्ति अस्वस्थ होते हैं।

डॉ० स्टीवन एन० ब्लेयर और उनके समूह के लोगों ने एक परीक्षा में, यह निर्धारित किया था, कि लोगो की कुल मृत्यु दर में, अधिक वजन वाले व्यक्ति की मृत्यु दर, आधे से भी कम है।

3. बहुत ज्यादा नमक हानिकारक है

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आपने अक्सर यह सुना होगा कि अपने शरीर को सुडौल बनाने के लिए हमें नमक की कम मात्रा ग्रहण करनी चाहिए और अपने ब्लडप्रेशर को सामान्य करने के लिए नमक कम खाना चाहिए।

लेकिन अगर इन दोनों तथ्यों पर विचार किया जाए तो आपको ये पूरी तरह से झूठ लगेंगे। जबकि अध्ययनों के अनुसार यह माना जाता है कि भोजन में नमक की कम मात्रा लेने से मधुमेह और मोटापा जैसी समस्याओं के होने की अधिक संभावनाएं रहती है।

4. शहद एक प्राकृतिक चीनी है, और यह मनुष्य द्वारा बनाई गई चीनी से बेहतर है

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जब भी आप, अपनी स्वस्थ ग्रीन टी में शहद का उपयोग करें, तो हमारी बातों को अवश्य याद करें, शहद का उपयोग वजन कम करने के लिए किया जाता है, जबकि शहद में चीनी के मुकाबले अधिक कैलोरी होती है।

जबकि वास्तविकता यह है कि शहद के कुछ उपाय ही लाभदायक होते है, अन्यथा शहद भी चीनी के समान ही हानिकारक है। चिकित्सीय रूप से, शहद भी मधुमेह, हृदय की बीमारी और किडनी आदि की बीमारियों को बढ़ाता है।

5. जैविक खाद्य कीटनाशकों से मुक्त है और यह अधिक पौष्टिक है

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लोगो का मानना है कि मांसाहारी भोजन एक पौष्टिकआहार नहीं है, इसके अच्छे गुण और स्वास्थ्य लाभ की गारंटी न होने के कारण सभी को जैविक भोजन करना चाहिए।

लेकिन जैविक भोजन भी पूरी तरह पौष्टिक नहीं होता है। क्योंकि जैविक भोजन को भी सुरक्षित रखने के लिए 20 प्रकार के रसायनों आदि का प्रयोग किया जाता है।

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